Saturday, May 5, 2012

agar sach hai to socho..

अगर यह सच है 
तो फिर 
ईस्ट  इंडिया कंपनी में 
और इनमे 
क्या अन्तेर है 
क्या ये भी राज करेंगे 
कई दशको तक फिर से 
और समर्थन पाएँगे 
कुछ नेताओ का 
जैसे ग्वालियर, निजामो, मैसूर
 के राजाओ ने दिया था फिरंगियो का साथ .
क्या हम फिर से दशको तक गुलाम हो जाएँगे...
अगर यह सच है ...
तो क्या फिर हजारो शहीद होंगे वतन क लिए...
भगत सिंह और आज़ाद 
आएँगे आतंकवादी बनकर ..
रोटी और इज्ज़त के लिए. 
हज़ारो मरेंगे गरीबी में..
सैकड़ो का कत्लेआम होगा 
भुखमरी फैलेगी..
फिर कोई गाँधी, नेहरु आएगा.. और हम
एक बार फिर शिकार होंगे  
 आरक्षण , जात पात , लूट खसोट के  
 नहीं हम  नहीं होंगे..
होंगे लेकिन
हमारे बच्चे... आनेवाली पीढ़ी 
जो फिर गाएंगी..
गीत वतन की 
और पढ़ेंगी ...
ईस्ट इंडिया कंपनी .. यूरोप की 
सोनिया गाँधी यूरोप की 
जैसे हमने पढ़ा है ...
तैमूर लुंग और बाबर ...
मंगोल के उपज  थे।..
अगर यह सच है.. तो सोचो 
आखिर क्यू  है  महँगी 
रोटी ,कपडे और  मकान
शिक्षा , यात्रा और ज़ुकाम ..
पंचर साइकिल की चिप्पी 
मुह क पान की पिच्क्की 
अगर सच है तो सोचो  
ईस्ट इंडिया कंपनी .. यूरोप की 
सोनिया गाँधी यूरोप की 
बहने क्यू न मानी जाये 
इतिहास क पन्नो में 
और इन नेताओ को 
जो गद्दार है.. गुनाहगार है 
नज़र्खोर हैं हमारी रोटी के .
अगर यह सच है.. तो सोचो ..
अगर यह सच है.. तो सोचो ...